महाविद्यालय की स्थापना एवं संक्षिप्त परिचय
ज्ञान ज्योति का पावन मंदिर, मानवता का
हार है |
एकात्मता का निलय सुन्दर, सद्ज्ञान का परिवार है |
महाविद्यालय : एक दृष्टी में
ग्रामीण छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से बलराम महाविद्यलय‚ मनिहारी–गाजीपुर की स्थापना प्रायः ऐसी जगहों पर की गयी है जहाँ पहले से महाविद्यालयों का अभाव है। बलराम महाविद्यलय‚ मनिहारी–गाजीपुर की स्थापना सन् 2011 में इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की गयी। गाजीपुर –जखनिया प्रदेशिय राजमार्ग पर स्थित यह संस्थान कई एकड़ के परिसर में विकसित किया गया है। कला संकाय के कुल 7 विषयों से समृद्ध स्नातक कक्षाओं के साथ हिन्दी संस्कृत समाजशास्त्र गृहविज्ञान भूगोल शिक्षाशास्त्र मध्यकालीन इतिहास ।
इस महाविद्यालय में उल्लेखनीय सफलता पायी है। छात्राओं के बीच खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की सुदृढ़ परम्परा यहाँ की विशेषता रही है।
नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षाओं के लिए हम सदैव प्रतिबद्ध रहे हैं। प्राध्यापक अपनी कक्षाओं के प्रति सजग रहे हैं। इस बात का सदैव ख्याल रखा जाता है कि छात्राओं के साथ किसी भी प्रकार का भेद-भाव न हो। परिसर रैगिंग से पूरी तरह मुक्त है। परिसर को साफ-सुथरा और हरा-भरा रखने में प्राचार्य-प्राध्यापकों की प्रेरणा और कर्मचारियों की मुस्तैदी यहाँ देखी जा सकती है।विभिन्न अवसरों पर छात्राओं की सहायता से स्वच्छता और वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित कराए जाते रहे हैं। गाँव की छात्राएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों में अपना सम्मानजनक स्थान बना रही हैं। गाँव की लड़कियों के आगे बढ़ने में महाविद्यालयों की बहुत बड़ी भूमिका है। न्यूनतम फीस और अधिकतम सुविधा की नीति ने गाँव की लड़कियों को निर्बाध तरीके से उच्च शिक्षा हासिल करने में सहायता पहुँचाई है। यह गौरव बलराम महाविद्यलय‚ मनिहारी–गाजीपुर को हासिल है।महाविद्यालय में पुस्तकालय, वाचनालय एवं बुक बैंक की सुविधा उपलब्ध है | शिक्षणेत्तर कार्यक्रम के अन्तर्गत क्रीड़ा प्रशिक्षण, राष्ट्रीय सेवा योजना ( N.S.S.) रोवर्स/रेंजर्स कार्यक्रम में महाविद्यालय की सक्रिय सहभागिता रहती हैं |
वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रामों का आयोजन एवं प्रेरिकी के माध्यम से छात्र-छात्राओं से सम्पर्क तथा महाविद्यालय के विकास के सन्दर्भ में समय-समय पर मूल्यांकन महाविद्यालय की मुख्य विशेषताएं हैं | ग्रामीण एवं पिछड़ें क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिये यह महाविद्यालय संकल्पित एवं प्रतिबद्ध हैं |
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एकात्मता का निलय सुन्दर, सद्ज्ञान का परिवार है |
महाविद्यालय : एक दृष्टी में
ग्रामीण छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से बलराम महाविद्यलय‚ मनिहारी–गाजीपुर की स्थापना प्रायः ऐसी जगहों पर की गयी है जहाँ पहले से महाविद्यालयों का अभाव है। बलराम महाविद्यलय‚ मनिहारी–गाजीपुर की स्थापना सन् 2011 में इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की गयी। गाजीपुर –जखनिया प्रदेशिय राजमार्ग पर स्थित यह संस्थान कई एकड़ के परिसर में विकसित किया गया है। कला संकाय के कुल 7 विषयों से समृद्ध स्नातक कक्षाओं के साथ हिन्दी संस्कृत समाजशास्त्र गृहविज्ञान भूगोल शिक्षाशास्त्र मध्यकालीन इतिहास ।
इस महाविद्यालय में उल्लेखनीय सफलता पायी है। छात्राओं के बीच खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की सुदृढ़ परम्परा यहाँ की विशेषता रही है।
नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षाओं के लिए हम सदैव प्रतिबद्ध रहे हैं। प्राध्यापक अपनी कक्षाओं के प्रति सजग रहे हैं। इस बात का सदैव ख्याल रखा जाता है कि छात्राओं के साथ किसी भी प्रकार का भेद-भाव न हो। परिसर रैगिंग से पूरी तरह मुक्त है। परिसर को साफ-सुथरा और हरा-भरा रखने में प्राचार्य-प्राध्यापकों की प्रेरणा और कर्मचारियों की मुस्तैदी यहाँ देखी जा सकती है।विभिन्न अवसरों पर छात्राओं की सहायता से स्वच्छता और वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित कराए जाते रहे हैं। गाँव की छात्राएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों में अपना सम्मानजनक स्थान बना रही हैं। गाँव की लड़कियों के आगे बढ़ने में महाविद्यालयों की बहुत बड़ी भूमिका है। न्यूनतम फीस और अधिकतम सुविधा की नीति ने गाँव की लड़कियों को निर्बाध तरीके से उच्च शिक्षा हासिल करने में सहायता पहुँचाई है। यह गौरव बलराम महाविद्यलय‚ मनिहारी–गाजीपुर को हासिल है।महाविद्यालय में पुस्तकालय, वाचनालय एवं बुक बैंक की सुविधा उपलब्ध है | शिक्षणेत्तर कार्यक्रम के अन्तर्गत क्रीड़ा प्रशिक्षण, राष्ट्रीय सेवा योजना ( N.S.S.) रोवर्स/रेंजर्स कार्यक्रम में महाविद्यालय की सक्रिय सहभागिता रहती हैं |
वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रामों का आयोजन एवं प्रेरिकी के माध्यम से छात्र-छात्राओं से सम्पर्क तथा महाविद्यालय के विकास के सन्दर्भ में समय-समय पर मूल्यांकन महाविद्यालय की मुख्य विशेषताएं हैं | ग्रामीण एवं पिछड़ें क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिये यह महाविद्यालय संकल्पित एवं प्रतिबद्ध हैं |
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